Aparna Sharma

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लेखनी कहानी -#१५ पार्ट सीरीज चैलेंज पार्ट -6

#15 पार्ट सीरीज चैलेंज 


महादेव शिव शंकर की कथाओं में निहित ज्ञान और प्रामाणिकता 
पार्ट - 6 

*सती और शिव*

सती बार बार प्रेम में बेचैन हो कर महादेव को पुकारती ,महादेव दौड़े आते परन्तु जब भी वो विवाह के लिए कहती एक ही बात कहते - मुझे भूलकर पिता की इच्छा से विवाह कर लो , इसी में तुम्हारी भलाई है!
सती तड़प उठती , वो न महादेव को भूल सकती थी न उनके अलावा किसी और से विवाह करने को तैयार थी , महादेव की बेरूखी से वो पागल हो जाती थी ! कभी महादेव से कहती -अब कभी मत आना, निकल जाओ मेरे मन से मेरी जिंदगी से और 
जब महादेव की याद में प्यार में छटपटाने लगती तो पुकारने लगती - " मैं आपके बिना नहीं जी सकती, कृपा कर एक झलक दिखा दो! " 

ऐसे ही एक दिन सती ने महादेव को बुलाया, महादेव आए तो वो उनसे लिपट गई! आप मुझे अपना क्यों नहीं लेते ? क्या कमी है मुझमें ? मानती हूं आप जैसा श्रेष्ठ और रूपवान दूसरा कोई नहीं परन्तु क्या मैं सुन्दर नहीं हूँ? 

" सती ये बात नहीं है। तुम बहुत सुंदर हो, हर तरह से श्रेष्ठ हो , परन्तु तुम महलों की रानी और मैं जंगलों पहाड़ों में रहने वाला तुम्हारा और मेरा मेल नहीं है ! 
" मैं आपके लिए सब कुछ छोड़ने को तैयार हूं ! "
तब महादेव उसका हाथ पकड़कर उसे श्मशान में लेकर आते हैं -" ये देखो ये है ब्रह्मा की नश्वर दुनिया का अंत, तुम ब्रह्मा की दुनिया की रचना हो ,तुम्हारा अंत निश्चित है, मैं ईश्वर हूं अनश्वर हूँ! अब बताओ तुम्हारा मेरा मिलन कैसे संभव है? "

"यदि मैं मनुष्य हूं तो इसमें मेरी क्या गलती है ?"
क्या मनुष्य का प्यार कम होता है? क्या मुझे ईश्वर से प्रेम करने का हक नहीं है ?? " 
अभी सती और शिव बात कर ही रहे थे कि वहां दक्ष आ जाते हैं और क्रोध में सती पर वज्र से प्रहार करते हैं! -" मेरी इच्छा के विरूद्ध इससे मिलती हो , तुम्हें मर ही जाना चाहिए " 
महादेव तीव्रता से सती के आगे आकर वज्र का प्रहार अपने ऊपर झेल लेते हैं!
और क्रोध में दक्ष से कहते हैं ,ये ही तुम्हारा प्यार है बेटी के लिए? पिता पुत्री की रक्षा के लिए होता है आज तुम रक्षक नहीं भक्षक बन गये हो ,मैं चाहूं तो इसी समय तुम्हारा वध कर सकता हूँ! 
दक्ष के अभय दान मांगने पर महादेव कहते हैं कि -" स्त्री का विवाह उसकी मर्जी से होना चाहिए! स्वयं वर का आयोजन कर सती को उसकी इच्छा से वर चुनने का अवसर दो !" 
तब दक्ष सती के स्वंयवर का आयोजन करता है जिसमें सभी ख्याति प्राप्त राजाओं को बुलाया जाता है। परन्तु वो महादेव शिव शंकर को नहीं आमंत्रित करता है!
तब चूंकि सभी देवता जानते थे कि सती का जन्म शिव के लिए ही हुआ है और उनके प्रेम की परीक्षा में सती पास हो गई है!  
उधर तारकासुर नामक भयानक राक्षस ने कठोर तपस्या कर शंकर को प्रसन्न कर लिया था! वह जानता था कि शंकर योगी ,ध्यानी और वैरागी हैं वे कभी विवाह नहीं करेंगे अत: उसने अमर होने के लिए वर मांगा कि " मेरा वध शिव पुत्र के हाथों ही हो !" 
इस कारण भी सभी देवता चाहते थे कि सती का विवाह शिव से शीघ्र हो !
सती का अथाह प्रेम और आत्मा के जुड़ाव से अब महादेव भी बहुत बेचैन होने लगे ! जब आप किसी से सच्चा प्यार करते हैं तो सारी प्रकृति आपको मिलाने की साजिश करने लगती है!  
कुछ वैसा ही हुआ! महादेव स्वयं मूर्तिकार बनकर आए ,अपनी मूर्ति बनाई ! 
जब दक्ष ने देखा कि शिव शंकर की मूर्ति है तो अपमानित करने के लिए स्वयंवर के सभाग्रह के द्वार पर रखवा दी ! 
और जब स्वयंवर में सती ने महादेव को नहीं पाया और दुख से विव्हल हो सोचने लगी कि शिव से विवाह नहीं तो किसी से नहीं करूंगी, प्राण त्याग दूंगी! तभी महादेव की मूर्ति देख उसी के गले में वरमाला डाल दी !
सती अपने प्रेम की परीक्षा में सफल हो चुकी थी !अब बारी महादेव की थी ! 
सती को प्रतिमा के गले में वरमाला पहनाते देखकर दक्ष जैसे गुस्से में पागल हो गया! पत्थर के गले में माला डालने पर मैं इस विवाह को मान्य नहीं मानता ! 

मूर्ति से महादेव प्रकट हो कहने लगे -" मैं इस विवाह को स्वीकार करता हूं! " 
चारों ओर हर्ष छा गया! देवी देवताओं ने पुष्पों की वर्षा की!  
और इस प्रकार ब्रह्मांड की पहली प्रेम कहानी वैवाहिक बंधन में बंध गई! 💞
ज्ञान: - सच्चा प्यार अपनी मंजिल को पा ही लेता है!  
मनुष्य की लगन सच्ची हो तो वो ईश्वर को भी पा सकता है। 
आध्यात्मिक दृष्टिकोण: - इस परमात्म प्राप्ति के मार्ग को " प्रेम मार्ग " कहते हैं !
प्रामाणिकता: - शिव पुराण रूद्र संहिता प्रथम अध्याय में सती और शिव की संपूर्ण कथा का वर्णन है ! 
स्कंद पुराण में तारकासुर जन्म, वरदान और वध का विस्तृत वर्णन है!  
जहां तक प्रेम मार्ग के सत्यापन की बात है - मीरा से बड़ा कलयुग में कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा! प्रेम मार्ग पर चलकर मीरा ने कृष्ण को स शरीर पा लिया था!  

*हर हर महादेव*🕉️ 

अपर्णा गौरी शर्मा

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2 Comments

Alka jain

27-Jun-2023 07:41 PM

Nice 👍🏼

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Punam verma

06-Jun-2023 09:52 AM

Very nice

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